यह बात किसीसे छुपी नही है की राजदीप सरदेसाई नरेंद्र मोदी व BJP के कितने बड़े आलोचक रहे है। और अक्सर देखने को मिलता है की सोशल मीडिया की पोस्ट पर BJP के समर्थक उन्हें क्या क्या भला बुरा कहते है। BJP सप्पोर्टर का कहना है की " राजदीप सरदेसाई हमेशा से ही नरेंद्र मोदी के आलोचक रहे है, उन्होंने कभी भी नरेंद्र मोदी को समझने की कोशिश नही की। कई समर्थक तो यहाँ तक कह देते है की राजदीप ने कांग्रेस के इशारे पर पत्रकारिता की और नरेंद्र मोदी को वहाँ भी दोषी साबित करने की कोशिश की जहाँ वो गलत नही थे।
लेकिन राजदीप सरदेसाई क्या कहते है?
राजदीप अपनी एक किताब में लिखते है- "नरेंद्र मोदी और मैं काफी पुराने मित्र रहे है। ये बात सही है की राजनीति व पत्रकारिता के क्षेत्र में हमारी कभी बनी नही लेकिन इसका मतलब ये भी नही की हमारी व्यक्तिगत जिंदगी में भी कोई दुश्मनी सी है। जब तक वो की वो CM थे टैब तक हमारी काफी बाते हुआ करती थी उनसे लेकिन जब से PM बने है टैब से कही 2 या 3 बार ही समारोहों में भेट हुई है। PM बनने के बाद फोन पर बात होना बंद ही हो गया है"
राजदीप अमित शाह के बारे में क्या सोचते है?
राजदीप कहते है की मैने अपने जीवन में अमित शाह जैसा नेता नही देखा। आमतौर पर देखने को मिलता है की जब कोई नेता बड़े पद पर पहुचता है तो वो कही न कही मेहनत छोड़ के उस पद का आनंद ज्यादा लेने लगता है।
राजदीप आगे कहते है की "अमित शाह बंगाल के चुनावी दौरे में गए हुए और मैं भी वही गया था। मैं एयर पोर्ट से उतर कर होटल पहुँचा। तो मुझे पता चला की सुरक्षा कारणों की वजह से अमित शाह को पार्टी कार्यलय में नही बल्कि एक होटल में कार्यकर्ताओ ने रहने की व्यवस्था की थी। और संजोग से मैं भी उन्ही के होटल में ठहरा हुआ था।मैं इंतेजार कर रहा था की अमित शाह होटल वापस आये तो शायद हाय हलो हो जाए लेकिन अमित शाह बहुत देर रात लौटे। मैने भी अमित शाह इतनी रात में डिस्टर्ब करना उचित नही समझा और सोच की चलो कल सुबह ही मिल लेंगे। मैं सुबह सो के उठा तो पाया की अमित शाह तो बहुत सुबह ही रैली के लिए निकल गए। तब मुझे एहसास हुआ की इतने बड़े पद पर पहुचने के बाद भी ये व्यक्ति मेहनत करना नही छोड़ा। आज भी आम कार्यकर्ता की तरह ही भाग दौड़ कर रहे है। कांग्रेस या TMC इनको कैसे टक्कर दे पाएगी। नतीजा भी वही आया उस चुनाव में BJP 2 से 18 सांसद तक पहुँच गयी बंगाल में। मैं नही मानता हु की जब तक BJP की कमान अमित शाह के हाथ में है तब तक देश की राजनीति पहले जितनी आसान हो पाएगी। अमित शाह ने भारत की राजनीति में कदम रख कर राजनीति में कॉम्पटीशन ला दिया।
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