बुधवार, 7 जुलाई 2021

कुछ साल पहले कांग्रेसी थे, लेकिन अब अमित शाह के सबसे करीबियों में एक। कैसे?

  The Rashtrawadi       बुधवार, 7 जुलाई 2021


आज जिस व्यक्ति के बारे में आप ये आर्टिकल पढ़ने जा रहे है वो किसी Introduction का मोहताज नही है लेकिन उसके खास स्टाइल और राजनीति करने के तरीके बहुत से कांग्रेसियो के अंदर इस बात की हामी फुक दी है की "शायद अगर हम भी कांग्रेस छोड़ कर BJP के लिए दिल से मेहनत करेंगे तो BJP हमे भी इनाम जरूर देगी।" हम ई आर्टिकल में ये भी जानेगे की आखिर अमित शाह के सबसे करीबियों में इतना पुराना कांग्रेसी कैसे शामिल हो गया? इस आर्टिकल में हम ये भी जानेंगे की जब इन्होंने कॉलेज के दिनों में अपनी प्रेमिका को शादी का प्रपोजल दिया था तो प्रेमिका ने पूछा था की "मैं घर पे क्या बताऊंगी की लड़का करता क्या है" तो उस वक्त इन्होंने कह दिया की "घर वालो से कहना की "लड़का एक दिन असम का मुख्यमंत्री बनेगा।" आर्टिकल में आपको ये भी पता चलेगा की कभी ये नेता जो की कांग्रेस की मजबूती के लिए दिन रात काम करता था लेकिन जब उसने कांग्रेस छोड़ी तो कैसे असम मे कांग्रेस का वजूद ही खतरे में ला दिया? लेकिन सबसे बड़ी बात की कैसे वो नेता अब असम ही नही बल्कि पूरे नार्थ ईस्ट का "नरेंद्र मोदी" बनने जा रहा है।


कौन ये नेता?

जिस नेता के बारे में हम बात कर रहे है वो है असम के नए नवेले मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा और अभी ये BJP के सदस्य है लेकिन कुछ दिन पहले तक ये कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे लेकिन कांग्रेस छोड़ के BJP में आ गए और BJP में आये भी तो इस तरह की असम में कांग्रेस अपना वजूद बताते हुए फिर रही है। संघ से तो नही है लेकिन संघ की विचारधारा पे उतर गए है और इस कदर उतरे की अमित शाह के सबसे करीबी बन गए। चुनाव में साफ साफ बोल दिए थे की हमे "मिया" लोगो का वोट नही चाहिए। 

कांग्रेस क्यो छोड़ दिए?

असम में कांग्रेस के नेता हुआ करते थे तरुण गोगोई और वो 2001 से 2016 तक CM रहे और इसी दौर (2002 से) हिमंता इनके सरकार में मंत्री रहे थे। हिमंता का कद बहुत तेजी से बढ़ रहा था। देख के लग रहा था की हिमंता उस बात पे उतारू हो गए है जिसका वादा कालेज के दिनों में अपनी प्रेमिका से किया था। यानी की मुख्यमंत्री बनने के लिए हिमंता बहुत ही ज्यादा मेहनत व राजनीति कर रहे थे। CM तरुण गोगोई को ये बात खटकने लगती है क्योंकि वो अपने बेटे को राजनीति में आगे बढ़ाना चाह रहे थे। हिमंता को ये बात खटक जाती है की पार्टी के लिए दिन भर मैं काम करू और इनाम मिल जाए गोगोई साहब के विदेश से लौटे लड़के को। हिमंता गोगोई की शिकायत करने दिल्ली जाते है और राहुल गांधी से मिलने की कोशिश में लग जाते है लेकिन राहुल नही मिलते क्योंकि कही न कही उनके अंदर एक अलग ही किसी बात का गुरुर है। खैर 3 महीने बाद राहुल मिलते है और हिमंता अपनी बात रखते है की किस तरह गोगोई अपने बेटे को आगे ला रहे है तो इस बात पे राहुल गांधी कहते है "तो क्या" हिमंता कहते है की " तो आपको ये नही लगता की गलत हो रहा है तो इस पर राहुल कहते है की " Do what you want" मतलब की "जो करना चाहते हो कर लो।"  हिमंता ने इसे अपनी बेज्जत के तौर पर लिया और बचा खुचा काम राहुल के पालतू कुत्ते ने खराब कर दिया। हिमंता असम आकर दिल्ली अमित शाह को फ़ोन लगाते है। अमित शाह को मेहनती कार्यकर्ताओ की पहचान अच्छे से है इसीलिए मात्र हिमंता के एक फ़ोन कॉल से अमित शाह उनसे मिलने को तैयार हो गए। हिमंता BJP जॉइन कर लेते है और कांग्रेस को हिमंता की कीमत का अहसास तब हुआ जब मात्र हिमंता के BJP में जाने से असम में कांग्रेस की दशकों पुरानी सरकार चली गयी। अब BJP की सरकार राज्य में है। अब ये 2017 का समय है और हिमंता अमित शाह का पूरा भरोसा जीत चुके है और अमित शाह के सबसे करीबी है। 2021 में फिर विधानसभा के चुनाव हुए BJP ने इतिहास रचते हुए राज्य में फिर सरकार बना ली, वो भी बहुमत वाली। क्रेडिट गया हिमंता को और इनाम में मिला मुख्यमंत्री पद। कॉलेज के दिनों प्रेमिका से किया वादा सच हुआ और हिमंता मुख्यमंत्री की शपथ लेते है। 


कांग्रेस को अभी भी कैसे कमजोर करने में लगे हुए है?

कांग्रेस की सरकार खाने के बाद हिमंता धीरे धीरे असम में कांग्रेस का संगठन कहा गए और अब खुलेआम कह रहे है की " कांग्रेस के जो विधायक जीते हुए मैं उन्हें BJP जॉइन करने के लिए आमंत्रित करता हु, हमारी पार्टी में आ जाइये तो जनता की और अच्छे से सेवा कर सकेंगे।" इसके बाद कुछ एक कांग्रेसी विधयाक BJP में आ भी गए। 

कैसे ये नार्थ ईस्ट के "मोदी" है?

असम में BJP को जिताने के लिए हिमंता का चेहरा ही काफी था इसीलिए अब BJP इन्हें पूरे नार्थ एस्ट का चुनाव प्रभार दे सकती है और अगर हिमंता नार्थ ईस्ट के बाकी राज्यो में BJP को जिताने में सफल हुए तो इसमे कोई संदेह नही की हिमंता नार्थ ईस्ट के "मोदी" बन जायेगे। 

ये क्यो बोले की मिया लोगो वोट नही चाहिए?

हिमंता मानते है की जो आसाम का मुस्लिम है वो कही न कही असम का सम्मान करता है और असम की संस्कृति का भी सम्मान करता है और हिमंता को इनसे कोई भी दिक्कत नही है लेकिन इनमे एक मिया मुस्लमान भी होते है जो हमारी संस्कृति को खतरे में डाल रहे है। इसीलिए इन्होंने ने कहा की " हमे मिया लोगो का वोट नही चाहिए।"

क्यो कहा जाता है की हिमंता हिंदुत्व के मामले में योगी जी से रेस कर रहे है?

हिमंता CM बनने के बाद उसी तरीके से काम कर रहे है जैसा योगी जी कर रहे है। हिमंता अपने राज्य में ड्रग माफिया पर कहर बनकर टूटे है। राज्य में हिन्दू खुद को कही ज्यादा अब सुरक्षित महसूस कर रहे है। इनकाउंटर के डर से अपराधी राज्य छोड़ के भाग रहे है। 

इसीलिए देखके ऐसा लगता है की हिमंता योगी जी से रेस कर रहे है। 


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Thanks for reading कुछ साल पहले कांग्रेसी थे, लेकिन अब अमित शाह के सबसे करीबियों में एक। कैसे?

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