शनिवार, 3 जुलाई 2021

क्या सच में भारत आने वाले है म्यांमार के लड़ाकू सन्यासी आसीन विराथु?

  The Rashtrawadi       शनिवार, 3 जुलाई 2021

जैसा की हम सबको पता है की म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमान आज कई देशो में दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है तो उसके पीछे एक मात्र कारण म्यांमार के बौद्ध सन्यासी आसीन विराथु का है। आसीन विराथु रोहिंग्या मुस्लिमो पर वो कहर बन के टूटे की रोहिंग्या लोगो के लिए असहनीय से बन गए लिहाजा रोहिंग्या लोगो को देश छोड़ कर भागना पड़ा। 

क्या बौद्ध और रोहिंग्या लोगो की लड़ाई पुरानी है?

नही, पहले ये दोनो समुदाय मिलजुल कर रहते थे लेकिन जैसे ही मुस्लिमो की आवादी 1.5% से ज्यादा हुई तो दोनो समुदायों में अनबन शुरू हो गयी है। आवादी 3% हुई तो मुस्लिमो ने बौद्धों की बहन बेटियो को हवस का शिकार बनाना शुरू किया। और यही से निर्णायक लड़ाई शुरू हो जाती है। लड़ाई को नेतृत्व दे रहे थे म्यांमार के बौद्ध सन्यासी आसीन विराथू और ये लड़ाई अपने निर्णय पे पहुचने के बाद ही रुकी। 

क्या निर्णय निकला?

म्यांमार के बौद्ध अब ये जान चुके थे की पूजा पाठ अपनी जगह सही है लेकिन अगर अब हथियार नही उठाया तो देश और परिवार दोनो गवा बैठेगे और यही सोच के हथियार उठाया और लड़ाई को ये निर्णय पे ले आये की रोहिंग्या अब कई देशो में दर दर की ठोकरे खा रहे है। 

विराथु जी अब चर्चा में क्यो?

सोशल मीडिया पे पोस्ट देखने को मिल रही है की इस वर्ष हरिद्वार में होने वाले विश्व धर्म संसद में म्यांमार के ये लड़ाकू भिक्षु शामिल होने वाले है। तो देश में ये चर्चा तेज हो गयी है की क्या आसीन विराथु सच में आ रहे है? क्या वो देश के नेता जैसे योगी या मोदी जी से भी मिलेंगे?

सच क्या है?

अगर सच में आसीन विराथु इस वर्ष हरिद्वार आएंगे तो मोदी और योगी जी के मिलने का क्या मतलब है। ये धर्म संसद साधुओ की मीटिंग है और अब योगी जी सिर्फ साधु सन्यासी नही बल्कि यूपी के CM भी है। जिम्मेदारियों को देखते हुए लगता है की योगी जी का उनसे मिलने का कोई औचित्य ही नही है। 

लेकिन क्या विराथु आएंगे?जी हा दोस्तो, विराथु इस साल दिसंबर में होने वाले "विश्व धर्म संसद" का हिस्सा बनने वाले है जो की विश्व हिन्दू परिषद द्वारा संचालित किया जाता है और इनके आने की खबर की पुष्टि कई बड़े बड़े नेता कर चुके है। अगर उन नेताओ की मानें तो हा विराथु भारत आने वाले है। 

विराथु का प्रभाव विश्व में भी फैल रहा है।

जी हा दोस्तो अभी पिछले वर्ष विराथु ने श्री लंका के एक कट्टरपंथी बौद्ध भिक्षु समूह से हाथ मिलाया था अब ये दोनो समूह मिलकर श्री लंका को भी कट्टरपंथी इस्लाम से निपटने की तैयारी में है। 

क्या विराथु को रोकने वाला कोई नही है?

फिलहाल तो नही, क्योंकि विदेशी शक्तियां भी हाथ आजमा के देख चुकी है। म्यांमार के ऊपर अनेको प्रतिबंध लगाने के बावजूद म्यांमार की सरकार विराथु को जेल में नही डाल रही है। विराथु की सबसे बड़ी ताकत बन चुकी है म्यांमार की बौद्ध जनता। इसीलिए कोई भी सरकार विराथु को छुंना तो दूर आंख उठा के देखने को भी तैयार नही है। 

अब विराथु का बस एक लक्ष्य है की इस दुनिया को पीड़ामुक्त करना है।

क्या अब म्यांमार में सब सही है?

नही, अभी हाल ही में हुए सरकार के तख्ता पलट ने म्यांमार में सब कुछ उथल पुथल कर दिया है। विरोध कर रहे कई नागरिको को गोली मार दी गयी है। म्यांमार कभी शांत नही रहा। कभी कट्टरपंथियों ने रुलाया और कभी वहाँ की सेना ने। 

फिल हाल सेना ने भी विराथु को नही किया है और विराथु दिसम्बर में होने वाली धर्म संसद का हिस्सा होने जा रहे है। 

इसपर आप क्या सोचते है?

logoblog

Thanks for reading क्या सच में भारत आने वाले है म्यांमार के लड़ाकू सन्यासी आसीन विराथु?

Previous
« Prev Post