यूपी में एक अलग ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है और वो ये की विपक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ब्राह्मण विरोधी साबित करने की कोशिश में लगा हुआ। कोई भी घटना हो बस उसको किसी भी तरीके से ब्राह्मण बनाम योगी आदित्यनाथ का रंग दे दो और खासकर ये शुरू हुआ है कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के इनकाउंटर के बाद।
हालांकि, विपक्ष ये नही बताता की जिन लोगो की विकाश दुबे ने हत्या की थी उनमे से अधिकतर ब्राह्मण ही थे लरकीं इससे विपक्ष को क्या वो तो बस किसी तरह से योगी आदित्यनाथ को ब्राह्मण विरोधी साबित करने में लगा हुआ है।
अब क्या हुआ है?
हाल ही में संत कबीर नगर से पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी जी का निधन हो गया था। जांच में पता चला की उनकी मृत्यु का कारण लिवर में कुछ समस्या थी। खैर, निधन के बाद उनके पिता व वर्तमान देवरिया सांसद रामापति राम त्रिपाठी ने सोशल मीडिया के माध्यम से ये जानकारी जनता तक पहुचाई और फिर देश के बड़े बड़े नेताओं ने अपनी संवेदना प्रकट की और रामा पति राम त्रिपाठी को संतावना भी दी।
तो बवाल किस बात का?
बवाल तो तब हुआ जब कुछ ट्विटर हैंडल ने योगी आदित्यनाथ के ऊपर ये आरोप लगाने शुरू किये की योगी आदित्यनाथ ने शरद त्रिपाठी के लिए एक ट्वीट तक नही किया। और अगर और साफ साफ बोला जाए तो उन ट्विटर हैंडल का ये आरोप था की योगी आदित्यनाथ ब्राह्मण विरोधी है इसीलिए उन्होंने शरद त्रिपाठी के लिए एक ट्वीट करना भी उचित नही समझ था।
खैर ये सच्चाई नही थी। योगी जी ने ट्वीट किया था लेकिन जब विरोधी अंध विरोधी बन गए तो उन्होंने योगी जी ट्विटर टाइम लाइन को एक बार देखना भी उचित नही समझा और धड़ा धड़ ट्वीट दे मारे।
योगी जी किसके घर पहुंच गए?
लोग तो आरोप लगाते रहे की योगी जी ब्राह्मण विरोधी है इसीलिए शरद त्रिपाठी के लिए एक ट्वीट करना भी उचित नही समझा लेकिन एक सच ये भी था की जब ये लोग योगी जी ब्राह्मण विरोधी साबित करने में लगे थे तब योगी जी शरद त्रिपाठी के आवास पर पहुचने के लिए निकल चुके थे।योगी जी शरद त्रिपाठी के आवास पर गए और उनके परिवार से मीले, संतावना दी और फिर वापस लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
लेकिन विपक्ष योगी जी ब्राह्मण विरोधी साबित करना क्यों चाहता है?
दरसल उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की बड़ी आवादी रहती है। राजनीतिज्ञ विशेषज्ञ ये भी कहते है की ब्राह्मण वोट जिसकी तरफ चला जाता है उसकी पार्टी जीत जाती है। चाहे वो मायावती रही हो या अखिलेश यादव, एक समय था जब ब्राह्मणों ने इन्हें CM बनाया था। लेकिन अब ब्राह्मण जातिवाद छोड़ कर हिंदुत्व पे भरोसा करने लगा है और इसीलिए उसका एक तरफ़ा वोट BJP को जा रहा है। तो कोई भी विपक्ष के पार्टी ये नही चाहती की ब्राह्मण वोट BJP को जाए इसीलिए वो BJP यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी ब्राह्मण विरोधी साबित करना चाह रहे है। हालांकि अभी तक वो असफल रहे है।
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